
बच्चों में Constipation की समस्या और उसके उपाय
आज के वर्तमान युग में खान पान का system पहले जैसा नही रहा | पहलें के बड़े बच्चों की खुराक पर विशेष ध्यान देते थे | माँ भी अपने खुराक में क्या लेना है जानती थी | शिशु के जन्म के बाद माता को प्रवाही खुराक ज्यादा लेना चाहियें परन्तु आज ऐसा नही हो पता है | इसी तरह बच्चें पिज़ा ,ब्रेड ,मंचूरियन जैसे जंक फ़ूड पे ज्यादा ध्यान देते हैं | इस प्रकार के खान पान से उनमें कब्ज की समस्या होने लगतीं है | हम खुराक पर ध्यान देकर इस समस्या को कम कर सकते हैं | यहाँ हम बच्चों में Constipation की समस्या और उसके उपाय बता रहे है उसे ध्यान से पठिये |
क्या आपका बच्चा अभी बहुत छोटा है ? तो यकीनन उसके डायपर आपको दिन में कई बार बदलने पड़ते होगे दिन भर में बार-बार डायपर बदलना शिशु के स्वास्थ्य होने का संकेत होता है | वहीं अगर आपको लगे कि पिछले कुछ समय से उसका डायपर कम बदलना पड़ रहा है तो हो सकता है कि शिशु कब्ज की समस्या से जूझ रहा है | बच्चों में कब्ज की समस्या आज का यक्ष प्रश्न हैं |
आप लोग ऐसा सोचते होंगे कि कब्जकी समस्या केवल बड़े लोगों को ही होती है लेकिन आपका सोचना सही नहीं है छोटे बच्चे हों या बड़े बच्चे कोई भी कब्ज (Constipation) से परेशान हो सकता है | सच है तो अपनी समस्या के बारे में दूसरे लोगों को बता पाते हैं लेकिन जब बच्चे को कब्ज की समस्या होती है तो वह किसी से बता नहीं सकते दरअसल जब बच्चे की आंतों में तरल पदार्थों के अवशोषण में अत्याधिक समय लग ने लगता है तो उसे सुखा और कठिन मल अधिक मात्रा में जमा होने लगता है | उसकी वजह से बच्चे को मल त्यागने में कठिनाई होती है बच्चों का मल सुखा और कम मात्रा में निकलता है बच्चों को घंटों शौचालय में बैठे रहने के बाद मल त्याग होता है जहां आमतौर पर बच्चे कई दिनों तक मल त्याग नहीं कर पाते |
बच्चों में कब्ज (Constipation) एकमात्र समस्या है | यदि आपने अपने बच्चों को ठोस आहार देना शुरू किया है, तो उसके पेट को उस भोजन के साथ सामंजस्य बनाने में कुछ समय लगेगा हो सकता है कि आपका बच्चा कई दिनों तक मल त्याग न करें या उसका माल बहुत ही सख्त हो सकता है | उसे भूख ना लगे यह सभी लक्षण कब्ज (Constipation) का संकेत देते हैं | यदि आपके बच्चे को कब्ज है तो आप यह जानने की कोशिश अवश्य करेंगे कि आप उसे बेहतर महसूस कराने के लिए क्या कर सकते हैं | आप उसे दवाइयां दे सकते हैं लेकिन कुछ घरेलू उपाय इलाज भी है जो तत्काल राहत प्रदान कर सकते हैं |
कब्ज (Constipation) पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मल त्यागने में कठिनाई होती है | कब्ज कडआमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है मल कड़ा हो जाता है उसकी आवृत्ति घट जाती है, या मॉल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है |पेट में शुष्कमल जमा होना ही कब्ज है यदि | कब्ज (Constipation) का शीघ्र ही उपचार नहीं किया जाए तो शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो सकते हैं |
एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो बार यानि सुबह और शाम को मल त्याग के लिए जाना ही चाहिए | 2 बार नहीं तो कम से कम एक बार तो जाना आवश्यक है नित्य कर्म से कम सुबह मल त्याग करना स्वच्छता की निशानी है |
कब्ज के प्रकार :- TYPES OF CONSTIPATION
जन्म के बाद शरुआति महिनो मे शिशु के मल त्याग करने कि प्रकिया इस बात पर निर्भर करती कि वह स्तनपान करता है कि बोतल से दूध पीता है | स्तनपान करने वाले शिशु जन्म के पहले कुछ हफ्तों में एक दिन मे बहुत बार मल त्याग कर सकते है या फिर संभव है कि वे एक सप्ताह मे केवल एक या दो बार माल त्याग कर सकते है वही बोतल से दूध पीने वाले बच्चे एक दिन में एक बार ठोस मलत्याग करते है |
1) ACUTE CONSTIPATION :- जो कब्ज बच्चों में 2 सप्ताह से कम समय तक हो उसे acute constipation कहते |
2) CHRONIC CONSTIPATION :- जो कब्ज बच्चों में 2 सप्ताह से ज्यादा समय तक हो उसे chronic constipation कहते हैं |
कब्ज के लक्षण :- SYMPTOMS OF CONSTIPATION
1) कठोर,रुखा और जोर लगाकर मल त्याग करना |
2) हफ्ते में तीन बार से कम मल त्याग करना |
3) मल त्याग करते समय दर्द होना |
4) बहुत कमजोरी का एहसास होना |
5) सिर में दर्द होना |
6) पेट में भारीपन लगना |
7) भूख न लगना |
8) बच्चे का बार – बार रोना |
9) बच्चे का पेट फ़ुल् जाना |
बच्चों में कब्ज के कारण :- CAUSES OF CONSTIPATION IN CHILDREN
1) जब छोटे बच्चे को माता के दूध अलाव जब ऊपर से दूध का सेवन करवाया जाता है |
2) दूध के साथ जब बच्चों को सूखे अन्न का सेवन करवाया जाता है | जब बच्चा किसी अन्य रोगों से ग्रसित हो जाता है ,तो और उसका खाना पीना बंद हो जाता है |
3) जब आपके बच्चे की दिनचर्या में कोई परिवर्तन होता है | जैसे तनाव, चिंता वह मल को प्रभावित कर सकता है |
4) जब बच्चे घर से बाहर स्कूल जाते हैं तो वह स्कूल में बने शौचालय का प्रयोग करने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं |
5) आहार में परिवर्तन होने जैसे बच्चों के भोजन में पर्याप्त फाइबर युक्त फल और सब्जियां या तरल पदार्थ नहीं होने पर कब्ज की समस्या हो सकती है |

Drink plenty of water for Constipation.
कब्ज के लिए कुछ घरेलू उपाय :-
प्राथमिक चिकित्सा के रूप में अक्सर प्राकृतिक उपचार का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है | छोटे बच्चो में कब्ज से राहत पाने के लिए इन निन्मलिखित घरेलु उपचार को करे |
१) नवजात शिशु ब्रेस्ट मिल्क यानि माँ के दूध को आसानी से पचा लेते है और इसे प्राकृतिक रेचक ( पेट साफ करने वाला ) भी कहा जाता है | इस वजह से शिशुओं में कब्ज समस्या कम देखी जाती है | लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है | फार्मूला मिल्क लेने वाले बच्चो में दस्त और कब्ज होना आम समस्या है अगर आपके शिशु को कब्ज हो गई है तो जाहिर सी बात है की ये उसके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होगा और इतने छोटे बच्चे को बार – बार दवा देना भी सही नहीं है | ऐसे में आप नवजात शिशु में कब्ज का इलाज घरेलु नुस्खे से कर सकते है |

Kids Exercise movement
मूवमेंट करने से शिशु की मल त्याग की क्रिया वयस्कों की तरह ही उतेजित होती है | शिशु के पेरो को हलके से हिलाए | आप उसके पेरो को साइकल के मोशन में भी चला सकते है | कब्ज (Constipation) से राहत पाने का ये सबसे आसन तरीका है | अगर बच्चा 6 महीने से कम उम्र का है , तो उसे कब्ज से बचाने के लिए माँ का दूध सबसे बेहतर है | अगर बच्चा 6 महीने से ज्यादा का है ,तो उसे फाइबर युक्त भोजन देना बहुत जरुरी है |
• अगर आपका बच्चा फार्मूला दूध पीता है तो उसे एक से दूसरे फीड के बीच अतिरिक्त पानी देन चाहिये | परंतु इसके लिए फार्मूला दूध में ही ज्यादा पानी न मिलाये | वही बहुत ज्यादा दूध पाउडर शिशु के शरीर में पानी की कमी कर सक्र्ता है |
2) गर्म पानी से नहलाना :-
गर्म पानी से नहाने से शिशु के पेट की मांसपेशी को आराम मिलता है और उनमे आ रहै तनाव में कमी आती है | ये कब्ज (Constipation) के कारण हो रही असहजता को भी दूर करता है और बच्चा अच्छी तरह से खेल सकता है |
गुनगुने पानी को एक टब में डाले | कब्ज से ग्रसित बच्चे को उस टब में बैठा दे | कम से कम १५- २० मिनिट तक उसे गुनगुने पानी में खेलने दे | इस उपाय से भी बच्चें की वो खेलता रहै गा और कब्ज की समस्या दूर हो सकती है |
3) बच्चे के पेट के निचले हिस्से में हल्की मालिश करने से भी कब्ज की समस्या दूर हो सकती है | दिन में दो तीन बार शिशु की मालिश करे |
4) बच्चे को पूरा दिन एक्टिव रखे –शारीरिक गतिविधियों की अनुपस्थीति से पाचन की समस्या होती है और मेटाबोलिज्म में कमी आती है, जो कब्ज के लक्ष्ण को बढ़ावा देते है | अपने बच्चे को हर दिन किसी न किसी तरह से शारीरिक गतिविधियों में व्यस्त रखने से उसके मलत्याग को प्रोसाहित करेगा | बच्चे को हर दिन कम से कम एक घंटा जरुर खेलना चाहिए |
5) बच्चें के लिए पानी अच्छा विकल्प है |
यह बात जितनी आसन लगती है उतनी है नही क्योकि हम बच्चें के लिये पानी पिलाना बहुत जरूरी नही समझते है और कभी – कभी माता – पिता इस बात पर नजर रखने में विफल रहते है की उसके बच्चे को पर्याप्त पानी पी रहै है या नहीं ध्यान नही रहता | उचित पाचन और आंतो के मार्ग से भोजन का गुजरना सुनिचित करने के लिए पानी अत्यंत महत्वपूर्ण है | पर्याप्त पानी पीने से मल सूखने से भी बचाता है | इसलिए सुनिचित करे की आपका बच्चा पानी भरपुर पी रहा है कि नही ध्यान रखें | आप सूप ,फल का रस, दूध, और पानी से इसकी पूर्ति कर सकते है |
6) बच्चे को प्रतिदिन टॉयलेट सिटिंग टाइम के लिए प्रोसाहित करे |
7) बच्चें के खाने-पिने ध्यान रखें |

fiber rich food for constipation.
अगर आपका बच्चा फल और सब्जिया अच्छी तरह से खा रहा है तो उसे भरपूर मात्रा में फल और सब्जी दे | साथ ही तरल पदार्थ भी दे | जिससे कब्ज की शिकायत कम रहें |
• अगर आपको लगता है की बच्चा सामान्य के मुकाबले स्तनपान कम करता है, तो स्तनपान की आवधि बढ़ाये | कम स्तनपान करने से भी शिशु को कब्ज की समस्या हो सकती है | इसलिये बच्चा स्वस्थ्य रहें उसका ध्यान रखें |
• जिन फलो और सब्जिओ में फाइबर की प्रयाप्त मात्रा होती है , उसका सेवन करने से मलत्याग में सहायता मिलती है | यदि चावल का अनाज आपके बच्चे के आहार का हिस्सा है तो उसे जों अनाज के साथ बदल दे | कुछ फलो के रासो के साथ अनाज मिलाना बच्चो में कब्ज के लिए एक उतम उपाय है |आपको अपने बच्चे के आहार में फलिया, पालक , शकरकंद, और ब्रोकली जेसे सब्जिया ,संतरे औरे खुबानी, पपीता,अंगूर किसमिस,स्ट्रोबर्री जेसे फल शामिल करने चाहिए | जिससे बच्चा कब्ज से दूर रहै |
- सुबह खाली पेट एक ग्लास गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाएं बच्चों को इस का सेवन कराये इससे कब्ज दूर हो जाती है |
- सुबह जब आपके बच्चे का पेट खली हो तो आप उसे एक ग्लास दूध में 1-2 चम्मच सहद औए चीनी डालकर पिला सकते है |
- एक गिलास दूध में थोड़ी अंजीर उबाल दे और सोने से पहले अपने बच्चे को भी पिलाये |
- त्रिफला कब्ज के लिए सबसे सही हर्बल इलाज है | कब्ज (Constipation) से ग्रसित बच्चे को एक चम्मच त्रिफ़ला दूध या पानी में मिलाकर सोने से पहले दे |
- बच्चों को रात को सोने से पहले गुनगुने दूध में एक चम्मच बादाम का तेल डालकर पी लाइए | 15 – 20 दिन लगातार इस उपाय को करने से पुरानी कब्ज ठीक हो जाती है |
- एक कप हल्के गर्म पानी में एक नींबू डालकर पीने से आंतों में जमा हुआ मल बाहर निकलने में सहाय होता है |
- 10 ग्राम इसबगोल की भूसी 100 ग्राम दही में घोल कर ले | सुबहशाम खिलाने से कब्ज की शिकायत कम होती है | कुछ समय तक यह उपाय करने से (Constipation) दूर होती है |
- आधा कप पानी में रात को किसमिस भिगोये औए सुबह उसका मिश्रण करे और बच्चे को पिलाये |
- कब्ज (Constipation) से ग्रसित बच्चे को मेदा, बेसन , तली- भुनी , मिर्च मसालेदार खाध्य प्रदार्थ का सेवन कम करवाना चाहिये |
- बच्चो को १ ग्लास गर्म दूध में १ चम्मच एरंड का तेल मिला कर कुछ दिनों तक देने से कब्ज की शिकायत कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है |
- एक ग्लास गरम दूध में आधा चमच हल्दी पावडर मिलकर पिला दे |
- सहद इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करता है और साथ ही पाचन तंत्र को भी ठीक करता है | एक ग्लास दूध में 1-2 चम्मच शहद मिलाये और इसे अपने बच्चे को खाली पेट दे |
- अलसी के बीज वयस्क और बच्चो दोनों के लिए फायदेकारक है | जब कब्ज का इलाज करने की बात आती है तो इसका सेवन एक से अधिक तरीको से किया जा सकता है | पानी में कुछ समय के लिए अलसी के बीज को उबाले और फिर छानकर यह पानी अपने बच्चे को दे | इससे कब्ज की समस्या में बहुत राहत मिलेगी |
हमें क्या नहीं करना चाहिए :-
अगर बच्चे को कब्ज की समस्या है तो निम्न परहैज करन बहुत जरूरी है |
• बच्चें को फ़ास्ट फ़ूड – बर्गर, फ्रेंच फ़ाइज और पिज़्ज़ा , मंचूरियन जेसे खाने से बचाना चाहिए |क्योंकि ऐसे खाध्य प्रदार्थ में पोषक तत्व नहीं होते है जिनसे कब्ज की समस्या हो सकती है |
• बच्चो में वाइट ब्रेड का प्रयोग बंध कर देना चाहिए | अगर देना ही है तो गेंहू की ब्रेड कभी कभी दीजिये |
• बच्चो को चाय और कोफ़ी का भी अधिक सेवन नहीं करना चाहिए |
• चॉकलेट का सेवन भी कम करवाना चाहिए |
• जब बच्चो में कब्ज 4-5 दिनों से ज्यादा रहै और मल त्याग के समय खून निकले या रक्त मिला मल आये तो डॉक्टर से तुरंत सलाह ले |
बच्चों में कब्ज की समस्या और उसके उपाय अभी हमनें उपर आप को बताये हैं बच्चें में कब्ज की समस्या आज का यक्ष प्रश्न है पर इससे घबराने की जरूरत नही है | आप स्वयं बच्चों के खान पान का ध्यान रखें और धरेलू उपाय करें तो यह समस्या दूर हो सकती हैं |
Dr. Kavita Patel
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