बच्चों को दें अच्छे संस्कारों की सोगात
यहाँ में आप अपने बच्चे को अनुशाशन में कैसे रखे उसके विषय में आपको कुछ बातें बताने जा रही हूँ| हम जानते है की बच्चे देश की धरोहर होते है| आज के बच्चे कल देश का भविष्य है| उनका भविष्य बिगाड़ने या सुधारने का काम माता पिता के उपर निर्भर करता है| बच्चों को दें अच्छे संस्कारों की सोगात teach children good values क्योंकि बच्चे को अनुशाशन में रखने का पेहला पाठ माँ के घुंटने पर बैठने और पिता की गोंद में आने से ही प्रारंभ होता है| रूसो ने माता को नर्स की और पिता को एक वास्तविक शिक्षक की पदवी दी है| उनके अनुसार घर बच्चो की प्रथम पाठशाला मानी गई है| क्योंकि व्यक्तिगत शिक्षक से परिवार में ही परिवार में ही शिक्षा प्राप्त करना उत्तम बतलाया है | माता को बच्चे का सच्चा शिक्षा स्तोत्र माना गया है | साथ – साथ माता बच्चो की आदर्श गुरु होती है | और परिवार से प्राप्त शिक्षा स्वाभाविक एवं प्रभावशाली होती है | शिक्षा शास्त्री के अनुसार ये ही वह भूमि है जिसमे खेलते हुए बच्चों में विभिन्न गुणों का विकास होता है|
यहाँ हम भी यही कह रहें है की बच्चे की प्रथम पाठशाला उनका अपना घर होता है| क्योंकि बचा अधिकांश समय घर पर ही व्यतीत करता है | बच्चे पर माता- पिता के कार्य और व्यापार का प्रभाव पड़ता है | जिस घर में माता – पिता की आपस में तकरार होती है या माता – पिता की एक दूजे से नहीं बनती ऐसे घर का माहोल तनाव युकत रहता है| इस परिस्थिति में बच्चे के कोमल मन पर बुरा असर पड़ता है| वह अपने आप को अकेला महसूस करता है| ऐसे संजोग में बच्चे पढने में अपना चित नहीं लगा पाते है | उसका दुष्परिणाम से उस बच्चे का विकास अवरुद्ध हो जोटा है | अत: माता – पिता को आपस में कुलीन व्यवहार रखना करना चाहिए| एक दुसरे के साथ प्रेम और समजदारी से रहना चाहिए |
उदहारण के रूप में जो हम प्राचीन इतिहास के पन्नें खोलकर देखते है तो शिवाजी को माँ जिजाबाई ही थी जिन्होंने शिवाजी को एक तीव्र बुद्धिवाला एवं साहसी व्यक्ति बनाय| इसी प्रकार स्वामी विवेकानंद एवं महात्मा गाँधी की माताओ ने इन दोनों महापुरुषों के व्यक्तित्व को निखारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया| ठीक इसी तरह पिता की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है जैसे मोतीलाल नेहरु ने अपने बेटे जवाहरलाल नेहरु के लिए एवं दिमाग से उन गुणों को ग्रहण करने में मदद की जिससे उनका पुत्र सन्मानित हो सके| इसी प्रकार अब्राहम लिंकन ने भी अपने पुत्र को शासकीय कागज के कुछ पान्ने ले लेने के कारण फटकार था| इन उदहारण के माध्यम से यह पता चलता है की बच्चो के व्यक्तित्व को संवारने में माता –पिता का आदर्श जीवन सबसे ज्यादा भागीदार होता है|
बच्चे हमेंशा माता -पिता की नकल करते है | अत: माता – पिता को बच्चे के सामने स्वयं अपने अच्छेव्यवहारों का आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए | यह भी सच है की बच्चे के उठने – बैठने , खाने – पिने , सोचने –विचारने , बात करने ,कपडे की पसंदगी, साफ- सफाई रखने का अलग ही अंदाज होता है| बच्चो पे अपने माता – पिता तथा पारिवारिक संस्कारो का प्रभाव अवश्य पड़ता है | यदि माता – पिता अपना घर साफ – सुथरा नहीं रखते तथा चीजो को व्यवस्थित नहीं रखते है तो फिर उनका बच्चा भी अपनी चीजो को इधर उधर रखता है बच्चा अपनी पेंट एक जगह फेंकते है तो शर्ट दूसरी जगह और अपना बस्ता तीसरी जगह फेंकते है| धीरे धीरे इस प्रकार की लापरवाही उनकी आदत बन जाती है| अत: आपके प्यारे से बच्चे वह बेटा हो या बेटी का व्यक्तित्व केसे सुधारे उसे केसे संवारे उसे अच्छे संस्कार केसे दे उसके लिए में आपको कुछ बातें बता रही हूँ उसे ध्यान में रखकर आप अपने बच्चे को अच्छे संस्कारो की सोगात दे सकते हो|
17 तरीके बच्चों को अच्छे संस्कार देने के :- (17 way to teach children good values)
- अपने बच्चे की दिनचर्या नियमित रखें| विशेष तोर से उनके सोने,जागने,पढने,खाने,और खेलना का समय|
- बच्चे की अनिवार्य आवश्यकताओ जैसे की पोष्टिक आहार,वस्त्र,मनोरंजन,विश्राम की घर पर समुचित व्यवस्था करना |
- आप बच्चे को स्वयं बाजार घुमने – फिरने,मेला दिखाने ,पिक्चर देखने या शादी विवाह में साथ ले जाए, मित्रो के साथ उन्हें अधिक घुमने फिरने की स्वतंत्रता ना दे |
- अपने बच्चें के पढ़ते समय अकेला न छोड़े | आप भी उसके पास बैठकर बच्चे के पर ध्यान रखे| सबसे बेहतर तो यही है की बच्चे को आप खुद पढ़ायें | यदि जो आप अपने बच्चे को पढ़ाने में असमर्थ है तो कम से कम आप अपने बच्चे की गृहकार्य की नोट बुक तथा किताबे पर अपनी नजर रखे| बच्चे के नोट बुक चेक करते रहें की आपका बच्चा अपना ग्रहकार्य समय पर पूर्ण करता है की नही|
- बच्चे से थोडा – थोडा घरेलु कम जैसे कीं अपने कमरे की सफाई करना,अपने खाने पिने के बर्तन साफ करना ,बाजार से छोटा मोटा सामान ले आना , कभी कभी खाना बनानें में मदद करना
- बच्चे में धार्मिक कार्यों एवं चर्चाओ तथा महापुरुषों के जीवन की घटनाओं के माध्यम से ईमानदारी ,सत्यता,दया,प्रेम,त्याग आदि भावनाए उत्पन्न करना
- बच्चे में परिवार के आदर्श एवं परम्पराओ के उदहारण दे कर सामाजिक गुणों जेसे सहयोग ,स्नेह, सद्भावना ,त्याग ,सहानुभूति , न्यायप्रियता का विकास करे |
- बच्चे का स्नेह से लालन – पालन करते हुए उसे आत्मनिर्भर बनाए , उन्हें स्वयं निर्णय लेना अपनी जवाबदारी संभावना,स्वयं विचार विमर्श करना आदि सिखाए |
- बच्चे के जिद करने पर उसे डांटने की बजाय उसेप्रेम से समजायें|
- बच्चे को खुली जगह और खुले माहोल में खेलने कूदने का अवसर दें |
- बच्चे द्वार की गई मांग को ध्यानपूर्वक सुने और आपको योग्य लगे उसे अवश्य पूरा करें| बच्चे को छोटी – छोटी बातों पर टोकने से बच्चे |
- यदीं आपका बच्चा कुछ गलती करता है तो उसे डाटने की बजाय उसे दुबारा गलती न करने के लिए कहें| उन्हें अनुशाशित रहने के लिए उपदेश न दें ,बल्कि उसके समक्ष उदाहरन पेश करे|
- बच्चों को परिवार में आनेवाले सुख़ – दुःख, प्रसन्नता,उदासीनता आदि से अवगत करातें रहें |
- बच्चे में अच्छी आदतों उनकी रुचियों को प्रोत्सहित करें और उन्हें ख़राब आदतों और मनोवृतियों से बचाते रहें उन्हें गलत कार्य करने पर डांटे|
- बच्चे की समस्याओं का समय – समय पर जाँच करते रहें| उनकी समस्या को दूर करें| जो आप समस्या का समाधान न कर सकते हो तो टालमटोल न करें बल्कि किसी अन्य व्यक्ति से सलाह प्राप्त कर उसे संतुष्ट करें
- बच्चे के समक्ष असत्य भाषण न करे, उसे जूठे वादे न करें और न हिं उनकी असफलताओ पर मजाक न उड़ायें|
- अपने बच्चे को स्कूल की गतिविधियों में सक्रीय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें| बच्चो का अनावश्यक सलाह न दे नतो अपना घ्यान उन पर न लादे उन्हें मुक्त होकर अपना बल जीवन जीने दे|
यहाँ हमने बच्चे को सवारने के कुछ उदहारण अप के समक्ष रखें हैं | जिससे आप अपने बच्चे को धीरे धीरे सवार सकते हैं | क्युकी बच्चे के व्यक्तित्व के शारीरिक,मानसिक,भावनात्मक,समाजिक, नैतिक,बौधिक,पक्षो के विकास का बीजारोपण परिवार में ही होता हैं | सच तो यही हैं की बचपन में पड़ने वाले अच्छे प्रभावों से वह अनुशासित रहता हैं | इसी लिए आप अपने बच्चे में अच्छे संस्कारो के रंग भरे, उसे रूप दे और उसे सुंदर बनाने का अवसर प्रदान करे, ताकि वः देश का एक सुयोग्य नागरिक बन सकें, और अपने माता पिता को एक अच्छा जीवन दे सकें |
Dr. Karuna Trivedi
आप को अपने बच्चें के स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या हो तो आप हमे निचे दिए गए E – Mail पर संपर्क कर सकते है | हमारे अनुभवी Doctor आप के बच्चे की समस्या का योग्य निदान करेंगे |
E – Mail : hello@crazykids.in
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