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Monsoon Fruit

Monsoon में आनेवाले Fruits और उसके फायदे

जून माह की शुरुआत से ही लोग Monsoon का इंतजार करने लगते है । सख्त गर्मीसे परेशान होने के  कारण अब सब लोग Monsoon का इंतजार करते है । मौसम मे भी कभी कभी बादल आ जाने से कुछ उम्मीद बनती है । और पूरा दिन फिर वही गर्मी चलती है । इन दिनो मे कुछ विशेष फल बाजार मे मिलने लगते है । आज हम उन के बारे मे जानेंगे। ये फल है चेरी, लीची, जामून ,

जामून के अलावा ये सारे विदेशी फल है पर अब तो पूरे भारत मे ये फल लगाए भी जाते है ओर उनकी पैदावार भी अछी होती है। तो ये विदेशी फल अब विदेशी नही है परन्तु भारत में हो होते हैं ।

इन फलों के गुणो के बारे मे जाने :-

चेरी :- Cherry  

Cherry

लाल रंग, काले रंग  तथा पीले रंग  का रसीला छोटे बेर जैसा चेरी Cherry का फल होता है । स्वाद मे थोड़ा खट्टा ओर मीठा होता है। एकदम पक्का चेरी का फल गहरा लाल होता है । चेरी Cherry  मे बहुत सारे विटामीन तथा आँय पोषक तत्व होते है जिनका सेवन करने से बहुत फायदा होता है ।

  • चेरी Cherry में भरपूर मात्रा में विटामिन A पाया जाता है। इसलिए इसी नियमित खाना आंखों के लिए फायदेमंद होता है।
  • चेरी Cherry में मेलाटोनिन की बहुत मात्रा होती है, जो अनिद्रा व नींद की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।    
  • इसे नियमित खाने से हाथ-पैर की हड्डियों में होने वाले दर्द व हड्डियों की समस्याओं से राहत मिलती है।
  • चेरी Cherry में आयरन, मैगनीज, जिंक, पोटेशियम आदि कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें बिटा कैरोटीन भी होता है जो दिल की बीमारी को दूर करने में मदद करता है।
  • चेरी Cherry का फल सेवन करने से याददाश्त भी बढ़ती है एसा माना जाता है ।
  • चेरी Cherry में सबसे ज्यादा एंथोसायनिन पाया जाता है जो की हमारी गठिया में बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है इसीलिए गठिया के मरीज़ चेरी का सेवन कर सकते है जिसकी मदद से आप अपनी गठिया की बीमारी में आराम पा सकता है |
  • कैंसर एक बहुत भयंकर बीमारी होती है जो की जानलेवा होती है इसीलिए अगर किसी व्यक्ति को कैंसर जैसी घातक बीमारी है तो वह डेली Cherry का का सेवन कर सकते है जिसकी मदद से आप कैंसर की बीमारी से लड़ सकते है Cherry में एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाया जाते है जो हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होते है |
  • चेरी Cherry में सबसे ज्यादा पोटेशियम, लोहा, जस्ता मैगनीज जैसे खनिज तत्व पाए जाते है जो की हमारा कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है और हमारे दिल को स्वस्थ्य रखने में मदद करता है इसीलिए आप अपने दिल को स्वस्थ्य को रखने के लिए चेरी का सेवन कर सकते है |
  • अगर कोई महिला गर्भ से है तो वह Cherry का सेवन कर सकती है क्योकि Cherry हमारे लिए बहुत फायदेमंद होती है जिसकी मदद से महिला के होने वाले बच्चे में भी उसके गुण मिल जाते है | जो लाभ चेरी के सेवन से एक आम मनुष्य को होते है वह सभी लाभ उस जन्मजात बच्चे के अंदर जाते है और उसे बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है |
  • Cherry एक बहुत ही गुणकारी फल होता है क्योकि यह मल्टी विटामिन का एक अच्छा स्त्रोत होता है इसीलिए अगर आप चेरी का सेवन प्रचुर मात्रा में करते है तो इसके नियमित सेवन से हमारी त्वचा के सभी दाग धब्बे दूर हो जाते है और फेस में ग्लो आने लगता है |

जामून :- BlackBerry

Monsoon का दूसरा फल है जामून Blackberry | काले रंग का जामून जाने बादल आने का समय बतलाता है। बादल आने के कुछ दिन पहले बाजार मे जामून पक कर आ जाते है। बड़े , मांसल रसीले जामून Blackberry की खेती की जाती है तथा छोटे ओर कम रस वाले जामून जंगली या देसी माने जाते है। जामून के बहुत सारे गुण है । उसका काला जामुनी रंग उसे आकर्षक बनाकर उसको खाने के लिये हमारा मन मोह लेता है । जामून Blackberry खाने मे थोड़ी सावधानी रखनी चाहिये। उसे हमेशा थोड़ा नमक मिलाकर खाना चाहिये । क्योंकि ज्यादा जामून खाने से गैस होने की समस्या रहती है तो उसके लिये हमें खट्टी – नमक मिलाकर छाछ पीनी चाहिये वह हितकार है। 

  • जामुन Blackberry में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है. जामुन में लगभग वे सभी जरूरी लवण पाए जाते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है.
  • पाचन क्रिया के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है. जामुन खाने से पेट से जुड़ी कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं.
  • मधुमेह के रोगियों के लिए जामुन Blackberry एक रामबाण उपाय है. जामुन के बीज सुखाकर पीस लें. इस पाउडर को खाने से मधुमेह में काफी फायदा होता है.
  • पथरी की रोकथाम में भी जामुन Blackberry खाना फायदेमंद होता है. इसके बीज को बारीक पीसकर पानी या दही के साथ लेना चाहिए.
  • दांत और मसूड़ों से जुड़ी कई समस्याओं के समाधान में जामुन Blackberry विशेषतौर पर फायदेमंद होता है. इसके बीज को पीस लीजिए. इससे मंजन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहेंगे।
  • जामुन Blackberry के रस का उपयोग पिम्पल्स यानि मुंहासों को कम करने के लिए किया जाता है। इसके लिए जामुन या इसकी पत्तियों के रस को त्वचा पर लगाने से ये अधिक मात्रा में तैल को त्वचा पर आने से रोकता है जिससे पिम्पल्स जैसी  समस्याओ में आराम मिलता है जामुन में कषाय गुण होने के कारण त्वचा के विकारो में फायदेमंद होता है जब इसको बाहय रूप से उपयोग किया जाता है ।  
  • जामुन Blackberry का त्वचा के रोगों को दूर करने के लिए आंतरिक और बाहय दोनों प्रकार से उपयोग कर सकते है। जामुन की छाल एक अच्छी रक्तशोधक होती है, जो कि खून को साफ़ कर त्वचा के रोगो को दूर करती है साथ हि बाहय रूप से प्रयोग के करने पर जामुन कषाय होने से त्वचा रोग में लाभदायक होता है इसकी कारण जामुन का रस स्किन पर लगाने से पिम्पल्स जैसे विकारो से आराम मिलता है। जामुन का प्रयोग मधुमेह के कारण आँखों पर होने वाले नुकसान से बचने में भी कर सकते है। 
  • बच्चें हो या बड़े, सभी को आंखों से संबंधित परेशानी होती ही हैं। आंखों से संबंधित कई तरह के विकार होते हैं, जैसे- आंखों का दुखना। आप इसमें जामुन का इस्तेमाल कर सकते हैं।जामुन Blackberry के 15-20 कोमल पत्तों को 400 मिली पानी में पका लें। जब यह काढ़ा एक चौथाई बच जाए, तो इससे आंखों को धोएं। इससे लाभ होता है।
  • अनेक लोगों को मोतियाबिंद की समस्या होती है, इसमें जामुन बहुत ही काम आता है।जामुन Blackberry की गुठली के चूर्ण को शहद में अच्छी तरह से मिला लें। इसकी तीन-तीन ग्राम की गोलियां बना लें। रोज 1-2 गोली सुबह-शाम खाएं। इन्हीं गोलियों को शहद में घिसकर काजल की तरह लगाएं। इससे मोतियाबिन्द में लाभ मिलता है।
  • कभी-कभी घाव होने पर या अन्य कारणों से कान से पस निकलने लगता है। इसके लिए जामुन (Blackberry) की गुठली को शहद में घोंट लें। इसकी 1-2 बूंद कान में डालने से कान का बहना बन्द हो जाता है।
  • अक्सर खान-पान में बदलाव होने परमुँह में छाले होने लगते हैं। जामुन Blackberry के पत्तों के रस से कुल्ला करने पर मुंह के छालों में लाभ होता है। 10-15 मिली जामुन के फल के रस का नियमित सेवन करें। इससे गले के रोग भी ठीक होते हैं।
  • इसके साथ ही गले के दर्द में 1-2 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल के चूर्ण का सेवन करें। चूर्ण का सेवन शहद के साथ करने से भी आराम मिलता है।
  • अगर बार-बारदस्त हो रहा है तो 5-10 मिली जामुन Blackberry के पत्ते का रस बना लें। इसे 100 मिली बकरी के दूध के साथ मिलाकर पिएं। इससे दस्त में लाभ होता है।
  • अक्सर मसालेदार खाना खाने या किसी अन्य कारण से पेचिश की समस्या हो जाती है। पेचिश में दस्त के साथ खून आने लगता है। 10 मिली जामुन की छाल का रस निकाल लें। इसमें समान भाग में बकरी का दूध मिलाकर पिएं। इससे फायदा पहुंचता है।
  • 10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 मिली गाय के दूध में घोंट लें। सात दिन तक सुबह, दोपहर तथा शाम को पीने से बवासीर में गिरने वाला खून बन्द हो जाता है।
  • तिल्ली या लीवर में सूजन हो तो, 10 मिली जामुन (Jamun fruit) की गुठली के रस का सेवन करें। इससे लाभ मिलता है।जामुन का सिरका 10 मिली रोज लेने से तिल्ली और लिवर के बढ़ने के विकार में बहुत लाभ होता है।
  • जामुन Blackberry का प्रयोग त्वचा के विकारों को दूर करने में भी किया जाता है जैसे, दाद, खुजली आदि। इसके लिए जामुन की छाल का प्रयोग किया जाता है जो की एक अच्छा रक्तशोधक है। ये रक्त को शुद्ध करके के त्वचा रोगो को दूर करती है। जामुन के रस को दाद वाली जगह लगाने से भी आराम मिलता है क्योंकि इसमें कषाय गुण होता है जो कि नमी को दूर रखने में सहायक होता है।
  • जामुन का फल जितना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, उतनी ही जामुन की गुठली लाभदायक है। जामुन की गुठली सर्दी, खांसी, बुखार और त्वचा की समस्याएं जैसे चकत्ते और मुंह, गले, आंतों और जननांगों में अल्सर, दस्त मधुमेह में लाभकारी होती है।

बच्चों को भी इतने उपयोगी फल की जानकारी दें तथा उसके होने वाले फ़ायदे बताकर उनका सेवन करने का आग्रह रखें।

लीची :- Lychee

lychee fruit

बहुत ही कम समय के लिए मार्केट मे मिलने वाला फल है लीची Lychee। उसके फल को खाने की भी खास टेकनीक है। लीची महंगा फल भी है पर उसके गुण जानेंगे तो दवा खाने से तो सस्ता ही लगेगा । लीची Lychee की ऊपर की तह को हटाकर अंदर का सफ़ेद भाग खाया जाता है। अंदर से उसका बीज भी निकलता है । सफ़ेद रसीला भाग बहुत ही स्वादिष्ट, खट्टा तथा मीठा रसवाला होता है । लीची Lychee खाने के लाभ यहाँ बता रहे हैं।

लीची Lychee एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसमें मौजूद विटामिन सी हमारे शरीर में रक्त कोशिकाओं के निर्माण और लोहे के अवशोषण में भी मदद करता है, जो एक प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने के लिए जरूरी है। रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया में सहायक लीची में बीटा कैरोटीन, राइबोफ्लेबिन, नियासिन और फोलेट जैसे विटामिन बी काफी मात्रा में पाया जाता है।

यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया के लिए जरूरी है। इससे बीटा कैरोटीन को जिगर और दूसरे अंगों में संग्रहीत करने में मदद मिलती है। फोलेट हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है। इससे हमारा तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है।

लीची Lychee हमारी सेहत के साथ ही फिगर का भी ध्यान रखती है। इसमें घुलनशील फाइबर बड़ी मात्रा में मिलता है, जो मोटापा कम करने का अच्छा विकल्प है। फाइबर हमारे भोजन को पचाने में सहायक होता है और आंत्र समस्याओं को रोकने में मदद करता है। यह वायरस और संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए हमारे शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह फाइबर कमजोर और बुजुर्गों को स्वस्थ रहने में मदद करता है।

लीची Lychee ऊर्जा का स्‍त्रोत है। थकान और कमजोरी महसूस करने वालों के लिए लीची Lychee बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद नियासिन हमारे शरीर में ऊर्जा के लिए आवश्यक स्टेरॉयड हार्मोन और हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है, इसलिए काम की थकावट के बावजूद लीची खाने से आप दोबारा ऊर्जावान हो जाते हैं।

लीची Lychee का रस एक पौष्टिक तरल है। यह गर्मी के मौसम से संबंधित समस्याओं को दूर करता है और शरीर को ठंडक पहुंचाता है। लीची Lychee हमारे शरीर में संतुलित अनुपात में पानी की आपूर्ति करती है और निर्जलीकरण से बचाती है। पेट और अन्य बीमारियों की रोकथाम में असरदार लीची Lychee शरीर की अम्लता के उच्च स्तर को कम करके पाचन संबंधी विकारों को दूर करती है।

गेस्ट्रो आंत्र विकार, हल्के दस्त, उल्टी, पेट की खराबी, पेट के अल्सर और आंतरिक सूजन से उबरने में लीची का सेवन फायदेमंद है। यह कब्ज या पेट में हानिकारक टोक्सिन के प्रभाव को कम करती है। गुर्दे की पथरी से होने वाले पेट दर्द से आराम पहुंचाती है। मधुमेह के रोगियों के तंत्रिका तंत्र को होने वाली क्षति को रोकने में मदद करती है।

लीची Lychee विटामिन सी का बहुत अच्छा स्त्रोत होने के कारण खांसी-जुकाम, बुखार और गले के संक्रमण को फैलने से रोकती है। यह संक्रामक एजेंटों के खिलाफ प्रतिरोधक के रूप में काम करती है और हानिकारक मुक्त कणों को हटाती है। गंभीर सूखी खांसी के लिए तो लीची रामबाण है। ऑलिगनॉल नामक रसायन की मौजूदगी के कारण लीची Lychee एन्फ्लूएंजा के वायरस से आपका बचाव करती है।।  

लीची Lychee में सूरज की अल्ट्रावॉयलेट यूवी किरणों से त्वचा और शरीर का बचाव करने की खासियत होती है। इसके नियमित सेवन से ऑयली स्किन को पोषण मिलता है। साथ ही मुंहासों के विकास को कम करने में मदद मिलती है। चेहरे पर पड़ने वाले दाग-धब्बों में कमी आ जाती है।

लीची Lychee में पाए जाने वाले कैल्शियम, फॉसफोरस और मैग्नीशियम तत्व बच्चों के शारीरिक गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये मिनरल्स अस्थि घनत्व को बनाए रखते हैं। ये ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद करते हैं। लीची के छिलके वाली चाय सर्दी-जुकाम, दस्त, वायरल और गले के इंफेक्शन के इलाज में मददगार है।

लीची Lychee तंत्रिका तंत्र की नसों और जननांगों की सूजन के इलाज में फायदेमंद है। इससे दर्द से राहत मिलती है। किसी भी अंग में सूजन कम करने के लिए लीची बीज के पाउडर का लेप लगाने से आराम मिलता है।

लीची Lychee बीज के पाउडर में दर्द से राहत पहुंचाने के गुण हैं। पाचन संबंधी विकारों को दूर करने के लिए बीज के पाउडर की चाय पीना फायदेमंद है। ऐसी चाय पीने से तंत्रिका तंत्र में होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है। पेट के कीड़े मारने के लिए शहद में यह पाउडर मिला कर खाया जाता है। हर्बल चाय में लीची पेड़ की जड़ों, फूल और छाल उबाल कर पीने से चेचक जैसे संक्रामक रोगों में राहत मिलती है।

सावधानी :-

एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए एक कटोरी या 10-11 दाने लीची का सेवन हितकर है। ज्यादा खाने से नकसीर या सिर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई बार तो लीची की अधिकता से एलर्जी भी हो जाती है। शरीर में खुजली होना, जीभ तथा होंठ में सूजन आना और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं सामने आती हैं।

 थोड़ी सावधानी के साथ हम इन फलो का सेवन करे हमें अपने बच्चों को तथा अपना स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने के लिए सीजन के फलों का सेवन करना चाहिये ।

 

Dr. Hardik Bhatt

आप को अपने बच्चें के स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या हो तो आप हमे निचे दिए गए E – Mail पर संपर्क कर सकते है | हमारे अनुभवी Doctor आप के बच्चे की समस्या का योग्य निदान करेंगे  |

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