
गर्मियों में होने वाले पुष्प और उनका महत्व
Summer के दिन शुरू हो गए है। वसंत ऋतु के बाद आनेवाली गर्मी सब को परेशान कर रही है । घर तथा ओफ़ीस मे पंखे, कूलर तथा AC चल रहे है। इन परिस्थीतिओ में मन को प्रसन्नता देनेवाला कुदरती कोई उपाय है तो वो हे पुष्प। Flowers जहाँ अपने दर्शन से मन को आह्लादित एवं प्रफुलित करते है, वही वे अपनी सुगंधित से सम्पूर्ण वातावरण को सुवासित भी करते है। Flowers के सभी अवयव आयुर्वेद की दृष्टि से उपयोगी होते है। हम आपको Summer Flowers and their importance समझा रहे हैं।
इन दिनो मे बहुत सारे रंगबिरंगी फूल खिल रहे है । हमारा देश भारत उष्ण कटिबन्ध का प्रदेश होने के कारण गर्मी के दिनोमे बहुत सारे रंगीन Flowers बाग बगीचेमे खीले हुये तथा रास्तो पर के पेड़ पर दिखाई देते है । हमे इन Flowers के बारें कुछ जानकारी होनी ज़रूरी है।
ईन दिनोमे खीलने वाले सामान्य Flowers है पलाश, आरग्वध, नींब, गुलाब, मोगरा, मधुमालती, अपराजिता, रोहीतक, गुलमोहर, सहिजन, करेण, शिरीष, आम्र, अर्जुन, कपित्थ, बिल्व, गंभारी, वरुण, आदि..
यहाँ हम Summer में होने वाले Flowers की कुछ औषधीय प्रयोग और महत्व बता रहे हैं।
इन Flowers के Importance को जाने :-
पलाश :- Palash
Summer का छड़ीदार बनाता सबसे पहला पुष्प है पलाश , सामान्य हिन्दी मे इसे ढाक, या टेसू के नाम से हम पहचानते है । Summer शुरू होने पर ईस के पत्ते झड जाते है ओर धीरे धीरे उस पर लाल – केसरी रंग के धाक के फूल खीलने लगते है। अरवल्ली के पहाड़ी विस्तार मे ईसके बहुत पेड़ पाये जाते है । फागुन चैत्र (March) के महीने मे तो पर्वतीय विस्तार में एसा लगता है मानो आग लगी हो । बहुत ही सुंदर द्र्श्य बनाता है । palash के फूल तोते की चोंच जैसे लगने के कारण ईसे किंशूक भी कहा जाता है । palash के पत्तो के पहले को जमाने मे पत्तल बनाते थे जो भोजन करने के लीए लोग उपयोग करते थे। आज भी बायोडिग्रेडेबल डिश के नाम से लोग इसका उपयोग करते है । ईसके पत्तल मे किया हुआ भोजन चांदी की थाल मे कीए भोजन के समान गुण देने वाला होता है । भोजन के बाद गाय आदि प्राणी इसे खा जाते है जिससे उनका भी पेट भरता है और इससे प्रदूषण भी नही होता । साथ में स्वास्थ्य लाभ भी होता है। टेसू के फूल केसरी रंग के लिये उपयोग मे लीये जाते है । होली के त्योहार में लोग पलाश को रातभर पानी में भीगो देते है और सुबह इससे होली खेलते है। यह एकदम कुदरती रंग है । वस्त्र आदि को रंग करने के लीये भी इसका उपयोग होता है । शरीर पर गर्मी मे होने वाली छोटी छोटी फुंसीया, फोड़े , पसीने की दुर्गंध, तथा अन्य चर्म विकार इस पुष्प के जल से स्नान करने से मिट जाते है । पुष्प सिद्ध जल को पेट पर बांधने से पेट को आध्मान , विबन्ध मे लाभ होता है । मूत्र विकार मे भी palas flower का उपयोग वैध्य की निगरानी मे करना चाहिए है ।
आरग्वध (अमलतास) :- Golden Shower
Summer के दिनो मे रास्ते पर नीकले तो Yellow Flower से लदा आरगव्ध का पेड़ सबका मन मोह लेता है । बीना पत्तों के मात्र पीले फूल खील कर गर्मी का मानो मज़ाक उड़ाते है। जीतनी गर्मी ज्यादा होती है उतने फूल ज्यादा खिलते जाते है । आरग्वध गर्मी तथा पित्त का दुश्मन माना जाता है । शरीर की गर्मी, पित्त जन्य विकारो, त्वचा के विकार, पसीने की दुर्गंध, फुंसीया, फोड़े आदि मे इसके पत्तों से स्नान किया जाता है । आरग्वध के पुष्पो से गुलकंद भी बनाते है। अम्लपित्त की शिकायत , गर्मी के कारण सिरदर्द, विबन्ध, बच्चों की पेट की समस्या मे ये गुलकंद बहुत लाभकारी है । इसके पुष्प का सब्जी भी बनाते है । आरग्वध के पुष्प शरीर को ठंडा रखते है । ये पुष्प मे से कुदरती पीला रंग भी बना सकते है । इसकी फली का प्रयोग वैध्य के निरीक्षण मे पेट की सफाई तथा अन्य विकार के लीये किया जा सकता है ।
मोगरा :- Jasmine
Summer के दिनो मे खीलने वाला सफ़ेद खुशबूदार पुष्प है मोगरा । ये दो प्रकार का होता है। दोनों के गुण समान होते है। छोटी पती वाले मोगरे के पुष्प मे सुगंध ज्यादा होती है । बागो मे घर मे आसानी से इसे लगाया सकता है । मोगरे की बेल भी होती है । मोगरा की खुश्बु मन भावन होती है । इसे कामोत्तेजक भी माना गया है । रात मे इसकी खुशबू बहुत ज्यादा आती है । आंखो की गर्मी मे मोगरे के फूल की पट्टी आंखो पर बांधते है । मोगरे के फूल तकीए या सिरहाने रखने से नीद अच्छी आती है । मोगरा स्तन शोथ तथा स्तन के विकारो मे भी वैध्य कि सलाह अनुसार प्रयोग कीया जाता है । मोगरे का अवलेह बनाकर भी प्रयोग होता है । नाक मे होने वाली पीडा मे इसके फूल सूंघने से आराम मिलता है । मोगरे के पुष्पो से अत्तार भी निकाला जाता है । एरोमा थेरापी मे इसका उपयोग होता है ।
मधुमालती :- Madumalati
Summer Season में मालती के पुष्प भरपूर मात्रा मे आते है । ये Flower रात मे खीलते है तब सफ़ेद होते है तथा सुबह सूर्यके कीरणों से आने से वे गुलाबी होने लगते है तथा शाम होने तक लाल होते जाते है । बहुत ही गुच्छोमे लगाने वाले ये सफ़ेद, गुलाबी, लाल – मिश्र रंगवाली लता बहुत ही सुंदर लगती है। घर के पास लगाने से ईसकी सुंदरता बढ़ जाती है। रात मे इसके फूलो की सुगंध दूर तक फैली रहती है । इसके फूल की सुगंध से मानसिक व्याधी मे आराम मीलता है । आज के तनाव पूर्ण जीवन मे ये सुगंध मन को शांत करती है । ये पुष्प अनिद्रा को दूर करते है । मन की शान्ति होने से ये शरीरके कई अन्य विकार भी दूर कराते है । इन पुष्पो पर मधुमक्खीया भी ज्यादा आती है। कुदरती मधु की व्यवस्था के लीये तथा पराग नयन की प्रक्रिया के लीये ये भी बहुत ही जरूरी है ।
सहीजन :- Drumstick tree
Drumstick का उपयोग आज कल बहुत होने लगा है। Drumstick के अंग्रेजी नाम से जाने वाले इसे जादुई छड़ी भी कहते है। बहुत ही आरोग्यवर्धक पेड़ रास्ते पर आसानी से मिल जाते है। इसके सफ़ेद फूल बहुत ही आकर्षक लगते है। इसके पुष्प साल मे दो बार आते है । इसके पुष्पो की सब्जी भी बनाई जाती है । सहीजन के पुष्प का कई जगह उपयोगी होता है कढ़ी मे भी इसका झोंक लगाते है । थाइरोइड रोगियों के लिये, मोटापे के लीये, केल्शीयम की पूर्ति, वायु जन्य विकार, कफ़जन्य विकार, सायेटिका, तथा अन्य वातविकार जिससे शरीर के संधीगत रोगोमे, गठीया दर्द मे इसका बहुत उपयोग है । वैध्य के मार्गदर्शन मे सहीजन का उपयोग अलग अलग अनुपात से करना चाहीये ।
गुलाब :- Rose
सब को अतिप्रिय इसा सुगंधीदार पुष्प गुलाब माना जाता है । लाल, गुलाबी, सफ़ेद, पीले अनेक रंग के गुलाब आज कल मिलते है परंतु सबसे सुगंधीदार लाल देसी गुलाब ही होते है । गुलाब के पुष्प की सुगंध मन को मोहने वाली होती है । ये मन को शान्त करती है । गुलाब की पंखुडीयो से गुलकंद बनाय आ जाता है । वह शीतल, पित्त शामक, होता है। अम्ल पित्त, अजीर्ण, पेट की गर्मी, पित्त के अन्य विकार, शीर शूल आदि मे उसका उपयोग किया जाता है । गुलाब का शर्बत भी बनाया जाता है जो ठंडक प्रदान करता है । गर्मी मे लगाने वाली लू से यह बचाता है । गुलाब जल से बच्चो कों स्नान भी कराया जाता है। जो बच्चों की कोमल त्वचा के लिये लाभकारी है । गुलाब का अत्तर भी बनता है। जो कपड़ो आदि पर लगाकर सुगंध का अनुभव देर तक किया जा सकता है ।
अपराजीता :- Aparajita
नील तथा सफ़ेद दो रंग मे पायी जानेवाली Aparajita की बेल पुष्पों से लड़ी होने पर बहुत सुंदर दिखती है । Summer के दिनो मे अगर पानी नियमीत मिलता रहे तो एस पर पुष्प बहुत ही सुंदर आते है । ये बेल बहुत साल तक जीवीत रहती है ओर घर के ऊपर आसानीसे चढ़ाई जाती है जो घर की शोभा बढ़ाती है । Aparajita को गरणी के नाम से भी पहचानते है । ईस तरह Summer Season मे आनेवाले पुष्पो के उपयोग से तन तथा मन को शान्ति तथा ठंडक मिलती है । इसके नील Flowers उबालकर Blue Tea भी बनाई जाती है । जो स्वास्थ्य वर्धक है । स्त्रीरोगों मे Aparajita के Flowers का बहुत ही अच्छा उपयोग होता है । निष्णात वैध्य के मार्गदर्शन मे उसके उपयोग करना चाहिये । उपरांत Aparajita के तांत्रीक प्रयोग भी बहुत लोग कराते है।
इस तरह इस Summer Season मे खीलने वाले बहुत ही रंग बिरंगे Flowers से आरोग्य तथा घर की शोभा बढ़ाई जा सकती है। घर के आस पास रंगीन फूल वाली बेल तथा पौधे होने से घर को भी ठंडक मिलती है। तो आइये पुष्पों तथा पोंधो से घर को सुंदर बनाए तथा स्वास्थ्य प्राप्त करे । क्योंकि आज वर्तमान युग में पुष्प पेड़ पौधों का अभाव सा है। हमें पर्यावरण के जतन के लिये पेड़-पौधे-वृक्षों को उगाना चाहिये, उनका ध्यान रखना चाहिए तभी हमें पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं।
Dr. Hardik Bhatt
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