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Crazy Kids

बच्चों की परवरिश के 5 सोपान

शिशु जब पैदा होता है तो पिछले जन्मों के कर्मानुसार उसके मन में कई प्रकार के संस्कार विद्यमान हो रहते हैं। अच्छी शिक्षा और संस्कार मिलने पर उसका मन शुद्ध हो जाता है क्योंकि शिक्षा और संस्कारों का शिशु के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हम समझते हैं कि शिशु अभी अबोध है लेकिन विचारकों का मानना है कि जो कुछ अच्छा है बुरा माता-पिता करते हैं उसका प्रभाव बालक के मन मस्तिक पर पड़ता है। इसलिए हमें बड़ी सावधानी से शिशु को शिक्षा देनी चाहिए ताकि वह बड़ा होकर एक चरित्रवान नागरिक बने। हमें छोटे बच्चों के सामने ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिसके फलस्वरूप उसके मन में बुरे संस्कार उत्पन्न हो। हम आपको Modern Parenting Idea बता रहें है ।

संस्कारों का प्रभाव बहुत प्रबल होता है। यदि ध्यान ना दिया जाए तो एक ही कुसंस्कार हमारे पतन का कारण बन सकता है। आज के इस वर्तमान युग में मनुष्य मनुष्य के प्रति प्रेम भाव, ईमानदारी, काम के प्रति निष्ठा, सद्भाव, समाप्त होता जा रहा है। इन सब का मूल कारण हमारे संस्कार हैं। प्राचीन मनुष्यों में संस्कार के प्रति सचेत रहने को कहा गया है। हमारी सोच जैसी होगी हम वैसा ही काम करेंगे और हमारे कर्मों से ही हमारा भाग्य बनेगा। हमें यत्न करना है कि हमारे संस्कार और शिक्षा का हमारे शिशु पर एक ही अच्छी छाप पड़े।

महापुरुष अपने माता पिता और गुरुजनों की कृपा से ही सफल हुए हैं। अच्छे संस्कारों के कारण ही उन्नति के शिखर पर पहुंचे और हमारे पथ प्रदर्शक बने। हमारे मन का अंधकार उनकी ज्ञानरूपी ज्योति से दूर हो सकता है। इसके पहले हमें नैतिक मूल्यों और शिक्षा प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करना होगा। क्योंकि बच्चा घर पर माता-पिता को देखकर और विद्यालय में शिक्षक को देखकर सब कुछ सीखता है इसलिए हमें बचपन से ही बच्चों की परवरिश पर ध्यान देना बेहद जरूरी है क्योंकि बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं आप उन्हें जैसी शिक्षा और संस्कार देंगे वह वैसा ही नागरिक बनेगा। उदाहरण के लिए आपका बच्चा कुछ गलती कर रहा है किसी को गाली दे रहा है या आपको मार रहा है तो आप उसकी इस बचकाना हरकतों के लिए उसे कुछ नहीं बोलते और हँस कर डाल देते हैं कि अभी बच्चा है। अभी शरारत नहीं करेगा तो कब करेगा हमें ऐसे समय पर ही ध्यान रखना है कि वह नटखट बने पर बिगड़े नहीं।

बहुत से माता पिता का कहना है कि बच्चे हमारी बात सुनते ही नहीं चाहे उन्हें मारे या डांटे वह सुधरने का नाम नहीं लेते। यहां हम आपको बता दें कि हर बच्चा अलग होता है तो उसके पालने का तरीका भी अलग होना चाहिए। अगर आप अपने बच्चे की परवरिश सही तरीके से करना चाहते हैं तो अपने आसपास का माहौल देखे समझे और फिर अपने बच्चे की परवरिश पर ध्यान दें। लगभग 9% माता पिता बच्चों को पालने में सिर्फ यह समझते हैं कि हम अपने बच्चे को अच्छा खाना दे बाहर घूमने ले जाएं होटल में खाना खिलाए अच्छे अच्छे खिलौने दें उनकी सभी जरूरतें पूरी करें तो उनका दायित्व पूरा हो गया। पर ऐसा कुछ भी नहीं है। क्या हम अपने बच्चे को अच्छी आदतें शिक्षा और संस्कार देकर उन्हें आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बना रहे हैं।

आइए हम आपको बच्चे की सही परवरिश के Top 5 Modern Parenting Idea बता रहे हैं जिससे आप उनकी उचित देखभाल कर सकें।

१) सही माहौल के लिए उन्हें समय दें : Give them time for the right atmosphere

parenting

बच्चे के पालन पोषण के लिए एक अच्छे वातावरण का होना महत्व की भूमिका निभाता है। इसके लिए आपको बचपन से ही एक सही माहौल तैयार करना चाहिए जहां खुशी प्यार परवाह और अनुशासन की एक शुभ भावना परिवार में हो। बहुत बार लाड प्यार में हम सोचते है कि बच्चा बड़ा होगा तब हम उसे सही तरीका सिखाएंगे पर यह बात गलत है। उन्हें बचपन से ही सही और गलत की भेद रेखा समझाये। उन्हें प्यार और सहारा दे। उन्हें छोटी-छोटी बात पर प्यार से समझाये। उन्हें मारीये या डाटीये नहीं यह तरीका गलत है जो उन्हें जिद्दी और विद्रोही बना सकता है। उसके लिए आपको प्यार भरा माहौल बनाना होगा जहां बुद्धि का विकास कुदरती तौर पर हो। इसलिए आप उसके साथ बैठकर जीवन को बिलकुल नयेपन के साथ देखें, जिस तरह बहुत देखता है।

बहुत से माता-पिता यह सोचते हैं कि जैसे ही बच्चा पैदा होता है विद्यार्थी बनने का समय शुरू हो जाता है। जब बच्चा आपके घर में आता है तो यह समय आपके सीखने का शुरू हो जाता है। आपको रोज सुबह कुछ नया जानने को मिलता है। जरूरी नहीं है कि आपका बच्चा जीवन में वही करें जो आपने किया हो। आप भी सोचे कि आपका बच्चा कुछ ऐसा करें जिसके बारे में आपने कभी सोचने की हिम्मत ना की हो। तभी हम अपने बच्चे को जीवन में कुछ सिखा पाएंगे। हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसा माहौल बनाए जिससे हमारी पीढ़ी हमसे एक कदम आगे हो। हमारी अगली पीढ़ी खुशी से, बिना डर के, पक्षपात बिना, नफरत न करके, उलझन बिना अपना जीवन बिताएं। हमारे बच्चे विश्वसनीयता के साथ समाज के साथ चलें इसलिए आप एक सही माहौल के साथ अपना समय उन्हें दे थोड़ा डांट कर थोड़ा लाड़ दुलार के साथ ताकि वह संस्कारी और जिम्मेदार बन सके।

२) जीद पूरी ना करते हुए उनकी जरूरतों को समझें : Understand their needs by not fulfilling Jid

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बहुत बार देखा जाता है की अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करने की कोशिश में माता-पिता बच्चों के प्रति सख्त हो जाते हैं। वह सोचते हैं कि मैं जो नहीं बन पाया वह मेरे बच्चे बने और उनके साथ सख्ती बरतते हैं। दूसरी तरफ माता पिता मानते हैं कि हम अपने बच्चे से बहुत प्यार करते हैं इसलिए उसकी सारी जिद पूरी करता है बच्चा जिससे लाचार और बेकार बन जाता है और अपने सभी काम के लिए वह जिद करता है। यदि आप उसकी मांगी हुई हर चीज है उन्हें देते हैं तो बड़ी बेवकूफी करते हैं यदि आप वाकई में अपने बच्चे से प्यार करते हैं तो उसकी हर जिद पूरी ना करें उसे वही दे जो जरूरी है।

बहुत बार देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों को खूब मजबूत बनाने की इच्छा या चाह के चलते उन्हें बहुत ज्यादा कष्ट में डाल देते हैं। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे यह बने जो भी खुद नहीं बन पाए। अपने बच्चों के जरिए अपनी महत्वाकांक्षा  पूरी करने की कोशिश में कई माता-पिता अपने बच्चे के प्रति बहुत सख्त हो जाते हैं। दूसरे माता-पिता मानते हैं कि वह अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं और अपने बच्चों को इतना सिर चढ़ा लेते हैं कि उन्हें इस दुनिया में लाचार और बेकार बना देते हैं।

एक योगी थे जो कश्मीरी शैव नामक एक खास परंपरा से ताल्लुक रखते थे। यह योग के साथ प्रकारों में से एक है। यह योग का  बहुत शक्तिशाली तरीका है मगर यह मुख्य रूप से कश्मीर में ही सीमित है, इसलिए इसे यह नाम मिला। 1 दिन उस योगी ने एक कनून देखा जिसमें थोड़ी सी दरार थी और उसके अंदर मौजूद तितली बाहर आने के लिए छटपटा रही थी। कनून का खोल बहुत सख्त था। आमतौर पर तितली कानून से बाहर आने के लिए लगातार लगभग 48 hour तक संघर्ष करती हैं। अगर वह बाहर नहीं आ पाती, तो मर जाती। योगी ने यह देखा और करुणा वश उन्होंने अपने नाखून से कनून को खोल दिया ताकि तितली आजाद हो सके। मगर जब वह बाहर आई, तो उड़ नहीं पाई। कनून को तोड़कर बाहर आने का संघर्ष ही तितली को इतना मजबूत बनाता है की वह अपने पंखों का इस्तेमाल करके उड़ सके। उस तितली का क्या काम जो उड़ ही न सके। बहुत से लोग अपने बच्चों को लाड प्यार में ऐसा ही बना देते हैं, कमजोर और असहाय। सभी बच्चों पर एक ही नियम लागू नहीं होता। हर बच्चा अपने आप में अलग होता है। हमें अपने बच्चे की योग्यता को ध्यान में रखकर उसे प्यार और सख्ती से कार्य करवा सकते हैं। बच्चे को मजबूत बनाइए ताकि वह दुनिया से लड़ सके। अपना ध्यान रख सके।

३) बच्चे से सीखे उनके मित्र बने :  Become friend with children

become friend

बहुत से माता-पिता यह समझते हैं कि हमारा बच्चा 3 साल का हो गया उसे सब कुछ सिखा दे वह शिक्षक बनकर अपने बच्चे को तोते की तरह सब कुछ रटा देना चाहते हैं । माता-पिता ना तो बच्चे की उम्र देखते हैं नहीं उसका मूड समझते हैं। आप यह भूल जाते हैं कि यह समय हमें बच्चे के साथ राका खुद अपनी तरफ से बच्चे को सिखाने का और कुछ बच्चे के साथ उनके दोस्त बनकर सीखने का समय है। जब आपको यह लगे की धीरे धीरे आपका बच्चा बड़ा हो रहा है तो आप खुद के अनुभवों से बच्चों को दुनिया में किस तरह जीवन यापन करना है उस क्या पसंद है क्या नहीं या उसे अपने जीवन में क्या करना है वह क्या बनना चाहता है उसे किस प्रकार की मदद चाहिये। या मैं यह बनना चाहता था परिस्थिति वश नहीं बन सका तुम क्या बनना पसंद करते हो यह सब बातें उनका दोस्त बनकर करें। बहुत बार देखा जाता है कि बच्चे छोटे होते हैं तो बहुत कुछ हमें सिखा भी देते हैं। ऐसे समय में माता-पिता को चाहिए कि उन्हें अपने मन पर थोपे गए प्रभावों को दूर कर अपनी उर्जा को बचाए । एक वयस्क बच्चा हर तरह का कष्ट दुख सहन करने में माहिर होता है वह भी अब तक उस परिस्थिति तक पहुंच जाता है कि वह निर्णय सही भी ले सकता है और गलत भी। इसलिए आप उसके दोस्त बनकर उनसे भी सलाह लें। उसकी किसी गलती पर डांट ने की बजाय उनसे उस गलती के पीछे का कारण जाने। आप उसके बॉस बनने की बजाय उससे दोस्ती करें। ऐसे में वह आपको आसानी से बात कर सकेगा।

४) उसे अपने तरीके से काम करने दे :  Let him work in his own way

child playing

अगर माता-पिता अपने बच्चे की वाकई में परवाह करते हैं, तो उन्हें अपने बच्चों को इस तरह पालना चाहिए कि बच्चे को माता पिता की कभी जरूरत न हो। प्यार की प्रक्रिया हमेशा आजाद करने वाली प्रक्रिया होनी चाहिए, उलझाने वाली नहीं। इसलिए जब बच्चा पैदा होता है, तो बच्चे को चारों और देखने परखने, प्रकृति के साथ और खुद अपने साथ समय बिताने दे। प्यार और सहयोग का माहौल बनाएं।

अगर आप अपने बच्चे का पालन पोषण अच्छी तरह करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको स्वयं को खुश रहना चाहिए। अगर आपके बच्चे को घर में रोजाना तनाव, गुस्सा, डर, चिंता और ईर्षा देखने को मिले तो वह स्वयं भी डरा हुआ और सहमा सा रहेगा।

बच्चों पर कभी भी नैतिक मूल्य, विचार, धर्म ऐसा कुछ ठोकने की कोशिश ना करें। बस उसे विकसित होने दे, उसकी बुद्धि खेलने दे। सिर्फ एक अच्छा मित्र के रूप में अपनी शर्तों पर जीवन में आगे बढ़ने में उसकी मदद करें, परिवार या आपकी धन दौलत या किसी और चीज से उसकी पहचान न बनने दें। एक इंसान के रूप में जीवन की और देखने में उसकी मदद करना उसकी खुशहाली के लिए बहुत जरूरी है। यह आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा निवेश होगा अगर आप अपने बच्चे को प्रोत्साहित करें की वह अपने बारे में सोचना सीखें, अगर आप ऐसा करते हैं तो आप निश्चिंत रहो सकते हैं कि आपका बच्चा सही तरीके से विकसित होगा। और जीवन में एक सफल जिम्मेदार नागरिक बनेगा।

५) खुशनुमा माहौल घर पर बनाइये : Create a pleasant atmosphere at home

happy family

बहुत से माता-पिता अपने बच्चे से बहुत सारी उम्मीद बांध लेते हैं और जब यह उम्मीद पूरी नहीं होती तो गुस्सा या दुख जाहिर करते हैं ऐसा करने के बजाय आप उन्हें सांत्वना दें। क्योंकि गलतियां होने पर ही तो इंसान सीखता है और यही बात बच्चे को भी सिखाए और उसे खुश रखे। बच्चे को प्यार से भी अच्छी तरह से समझाने पर आपका बच्चा फिर से विजय प्राप्त करने की कोशिश करेगा। आप वाकई सही मायने में अपने बच्चे का सही तरीके से पालन पोषण करना चाहते हैं, तो आपको खुद को एक प्यार करने वाले, आनंदित और शांत व्यक्ति के रूप में खुद को बदलना होगा। अगर आप खुद नहीं बदल सकते तो बच्चे से किस प्रकार की उम्मीद रख सकते हैं।यदि हम माता-पिता बनना चाहते हैं तो हमें एक छोटा सा प्रयोग करना चाहिए कि हमारे जीवन में क्या ठीक है और क्या नहीं, क्या अच्छा है क्या बुरा है। हमें यह सब बाहरी दुनिया के लिए नहीं देखना है बल्कि खुद के लिए यह प्रयोग करना है। यदि आप अपने बारे में अपना व्यवहार, बातचीत करने का ढंग, रवैया आदतें नहीं बदल सकते हैं तो अपने बच्चे को किस तरह समझदारी से संभाल सकते हैं।

इस तरह से अपने बच्चे की छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर उन्हें डांटना भी है, डराना भी है,धमकाना भी है और लाड प्यार से उसे समझा कर घर का माहौल खुशनुमा बना कर परिवार के साथ आनंदित जीवन बिताना है। आपका विश्वास ही उसे एक अच्छा नागरिक बनायेगा । 

Comments

  • Karuna trivedi
    March 13, 2021

    बच्चो को अच्छी बाते और अच्छा दोस्त बनाए । एकदम सही बात कही ।
    Very Nice article

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  • Heer Trivedi
    April 20, 2021

    Bahut accha blog he nice 👌👌

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