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Crazy Kids

प्रोटीन क्यों जरुरी है बच्चों के लिए

 

          आम तौर पर देखा जाता है कि बच्चे जब बड़े होते है और स्कूल जाने कि तैयारी करते हैं तब हर माँ के लिए प्रश्न आ जाता हैं कि में अपने बच्चे को नास्ते में कोन सा पोषण युक्त नास्ता दूँ जो कैलरी से युक्त मेरे बेटे को पोषक तत्व दे सके| साथ में अपने बच्चो को स्वस्थ भोजन या नास्ता पसंद करने के लिए प्रोत्साहित भी करना हैं | माता पिता जब अपने बच्चो को पहली बार स्कूल भेजते हैं , तब यही   सोचते हैं कि नास्ते में क्या दें | नए खाद्य पदार्थ जो पोष्टिक हो उसे बच्चो के समक्ष पेंश करना, उन्हें अच्छा अच्छा नास्ता देना अगर केवल यहीं सच हैं तो हम यंहा गलत हैं | शरुआत के समय से ही हमें बच्चे को कई प्रकार के पोष्टिक तत्व से युक्त नास्ते कि जरुरत होती हैं | क्योंकि उनके बच्चे को खाने से लेकर नए विक्लपो का सामना करना पड़  सकता हैं | स्कूल में दोपहर के भोजन या नास्ते में क्या क्या खाएं दोस्तों से प्रभावित , और अपने टिफिन में कोन  से नास्ते का चयन करें एसी बहुत सी बातें हैं जो उन्हें प्रभावित करेंगी |

       स्कूल जाने वाले बच्चो कि उम्र बढती उम्र होती हैं | जिसमें शारीरिक गतिविधियों के साथ सम्पूर्ण विकास कि आवश्कयताए  बच्चो  को पोषण संबंधी आवश्यकताओं को निर्धारित करने में भूमिका निभाती हैं | आनुवंशिक पृष्ठभूमि, लिंग , शरीर का आकार वगेरह कारक है | बच्चो को पोषण की आवश्यकता व्यसको  के समान ही होती है  लेकिन उसको मात्रा अलग रहती है |

        कार्बोहाइड्रेट और वसा बढ़ती उम्र और शारीरिक गतिविधियों के लिए उर्जा प्रदान करते है | उस समय बच्चा तेजी से विकास की अवधि में आते  है | ऐसे समय में उनकी  भूख भी बढ जाती है और वे लगातार भोजन या नास्ता करते हुए दिखाई दे सकते है | जब विकास धीमा हो जाता है, तो भूख कम हो जाती है और बच्चे भोजन के समय कम भोजन करेंगे | उन्हें कम नास्ते की जरूरत पड़ेगी | प्रोटीन शरीर के टिश्यू का निमार्ण, देखभाल  और मरम्मत करता है | यह बच्चे के विकास के लिये अत्यंत जरूरी है एव महत्वपूर्ण है | जो बच्चे मासाहारी है ऐसे बच्चों को दो से तीन सर्विंग मिट, मछली , मुर्गा या अन्य प्रोटीन युक्त भोजन दे और शाकाहारी बच्चे के लिये दूध, पनीर, चीज और अन्य डेयरी उत्पादन बच्चे के लिए प्रोटीन स्तोत्र है |

         प्रोटीन एक मक्रोनुत्रिएन्त है जो बच्चे के विकास के लिये महत्वपूर्ण है | फिर भी शोध से पता चला है कि सात में से एक स्कूल जाने वाला बच्चा अपने दैनिक नास्ते या भोजन में प्रोटीन का सेवन नही करता |  बढ़ते बच्चे को उर्जा प्रदान करने के लिये एक अंतिम उपाय के रूप में कोशिकओं , एंजाइम और होर्मोन्स के निर्माण और मरम्मत में मदद करने के लिये प्रोटीन की आवश्कता होती है | प्रोटीन खाद्य पदार्थो के समूह में जिंक, मैग्नेशियम,विटामिन (6 और बी 12) की अलग अलग मात्रा में आपूर्ति करते है और विटामिन ई कई लोह तत्व प्रदान करते है | मांस, मुर्गी और मछली ( हिम आयरन ) का प्रकार अंडे, सूखे मेवे ( सेम और मटर ( नॉन मेह आयरन ) में लोहे की तुलना में बेहतर अवशोषित होता है | और जब हम स्वास्थ  के विषय पर होते है तो यह खाद्य समूह विटामिन खनिज पैकेज के संदर्भ में अधिकतम प्रदान करता है | जैसे के विटामिन बी शरीर के उपयोग और उर्जा का उत्पादन करने में मदद करने के लिये स्पार्क प्लग  कि तरह कम करता है | प्रोटीन खाद्य पदार्थ  नए रक्त कोशिकओं और शरीर के टिश्यू को बनाने में मदद करते है , और वे तंत्रिका तंत्र को ठीक से कम करने में मदद करते है | उनका लोहा रक्त में ओक्सीजन ले जाने में मदद करता है और एनीमिया को रोकता है, हड्डी निर्माण और मांस पेशियों में उर्जा रिलीस में उनके मैग्नेशियम एड्स और उनके जस्ता प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में मदद करता है |

प्रोटीन स्वस्थ्य विकास का समर्थन कैसे करता है | वह हम आपको बताने जा रहे है |

बच्चों के विकास के लिए जरूरी है प्रोटीन :- Protein is Essential for the Development of Children.

          प्रोटीन कई शारीरिक कार्यों में एक आवश्यक भूमिका निभाता है, जिसमें मांसपेशियों, त्वचा, अंगों, रक्त, बाल और नाखूनों में टिश्यू की देखभाल शामिल है। प्रोटीन बनाने वाले 20 अमीनो एसिड में से, शरीर 11 का उत्पादन कर सकता है – अन्य नौ भोजन से आने चाहिए।

          एबॉट के पोषण अनुसंधान वैज्ञानिक जेनिफर विलियम्स कहते हैं, “प्रोटीन के कई स्रोत विटामिन ई, बी विटामिन, जस्ता, लोहा और मैग्नीशियम और इसके लगभग हर कोशिका के हिस्से को महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करते हैं।”

          डॉक्टर्स कहेते है कि जिन बच्चों को पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता है, वे थकान, एकाग्रता, धीमी गति से विकास, हड्डी और जोड़ों के दर्द सहित स्वास्थ्य के मुद्दों का अनुभव कर सकते हैं, घाव भरने में देरी हुई और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में कमी आई। लेकिन छोटे बदलाव से आप प्रोटीन की कमी से बचा सकते हैं। हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य और पोषण परीक्षा सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, नास्तो में बच्चों को दैनिक कैलोरी का लगभग 30 प्रतिशत पोषण मिल सकता हैं |

          बच्चे फ़ास्ट फ़ूड खाने वाले हो सकते हैं, लेकिन सौभाग्य से भोजन के बाहर अपने आहार में प्रोटीन जोड़ने के लिए बहुत सारे बढ़िया विकल्प हैं। “दूध बच्चों को देने के लिए प्रोटीन का एक बहुत आसान स्रोत है, और यह कैल्शियम और विटामिन डी प्रदान करता है, जो हड्डियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं , जैसे ग्रीक योगर्ट, पीने योग्य दही और पनीर। बिना एलर्जी वाले बच्चों के लिए, अखरोट बटर को स्मूथी, टोस्ट और स्नैक्स में जोड़ने की सलाह डॉक्टर भी देते हैं। यदि आपका बच्चा अधिक साहसी खाने वाला है, तो वे उबले अंडे, , डेली मांस, के लिए खुले हो सकते हैं।

          यदि आपको अपने भोजन से पर्याप्त प्रोटीन प्राप्त करने में परेशानी हो रही है, तो प्रोटीन युक्त पेय ( juice ) एक समाधान हो सकता है और यह प्रोटीन युक्त ड्रिंक  आपके स्वस्थ्य के लिए एक अच्छे बीमा योजना की तरह काम करेगा | डॉक्टर  कहते हैं यदि आप अपने बच्चे को प्रति 10 ग्राम प्रोटीन फ़ूड के  साथ अन्य और नुत्रिएन्त्स जेसे विटामिन डी, कैल्शियम, फाइबर और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों के साथ मिला कर कुछ नास्ता दे रहे  है तो यह यह आपके बच्चे के आहार में कुछ विटामिन कि कमी रह जाती है तो यह उस कमी को पूरी करने में  मदद रूप हो सकता है | प्रोटीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जिसे आप को अपने बच्चे के आहार में शामिल करना है |

          क्या आपके बच्चे को उसके आहार के माध्यम से पर्याप्त प्रोटीन मिल रहा है? यहां कुछ  कारण बताए गए हैं कि बच्चों को प्रोटीन की आवश्यकता क्यों होती है और आप इसे अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं| प्रोटीन बच्चों के शरीर को बढ़ने में मदद करता है। बच्चों को सक्रिय और ऊर्जावान रहने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यहाँ कुछ कारण बताए गए हैं कि बच्चों के शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता क्यों होती है।

प्रोटीन बॉडी टिश्यू की रक्षा करता है :- Protein Protects the Tissues in the Body

          प्रोटीन मानव शरीर में मांसपेशियों का निर्माण करने में और बॉडी टिश्यू की मरम्मत, देखभाल और प्रतिस्थापन करके में मदद करता है। बढ़ते बच्चे बहुत खेलते कूदते हैं और अक्सर अपने को थका हुआ महसूस करते हैं। उन्हें प्रोटीन की आवश्यकता होती है | एक बच्चे की ऊर्जा के लिए कम से कम दस प्रतिशत प्रोटीन की जरूरत रहती है जो बढ़ते बच्चों की मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद रूप होती है, इसलिए बच्चे को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त संतुलित आहार देना चाहिए ।

प्रोटीन शरीर कि अंदुरुनी ताकत (इम्यून सिस्टम) को बढ़ता है  :-  Protein Improves the Immune System

          बच्चे को हमेशा मजबूत और स्वस्थ होना चाहिए। प्रोटीन इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) ठीक से काम कर रही है की नही । प्रोटीन  (इम्यून सिस्टम) को सही तरीके से काम करने में और (इम्यून सिस्टम) का  उचित तरीके से विकास में मदद करता है। जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते और परिपक्व होते हैं, उन्हें बीमार पड़ने से बचाने के लिए एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम)  की आवश्यकता होती है।

प्रोटीन कोशिकाओं के निर्माण में मदद रूप बनता  है :- Protein Helps in the Formation of Cells

          प्रोटीन बच्चे के शरीर में कोशिका के टिश्यू को फिर से जीवंत करने और उसे मरम्मत (repair ) करने में मदद रूप बनता  है। प्रोटीन मानव शरीर में हर कोशिका संरचना का एक हिस्सा है। हमारी त्वचा, बाल, नाखून आदि सभी में प्रोटीन होता है। इसलिए, जब बच्चा नीचे गिरता है और उसे चोट लगाती  है तो  प्रोटीन नए सेल टिश्यू की मरम्मत और नए टिश्यू के  गठन में मदद करता है। बच्चे  चाहे खाने में आना कानी करे तब भी उन्हें प्रोटीन युक्त भोजन न खाने के लिए आग्रह रखना चाहिए और इसके लाभ की जानकारी देनी चाहिए |

प्रोटीन हीमोग्लोबिन को बढ़ता  हैं :- Proteins Produce Hemoglobin

          प्रोटीन हीमोग्लोबिन का उत्पादन करता है जो मानव शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाने वाले रक्त का हिस्सा है। हीमोग्लोबिन शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है जिसके बिना शरीर बहेतर तरीके से कार्य नहीं कर सकता है। इसलिए, बच्चों को स्वस्थ शरीर के लिए प्रोटीन युक्त भोजन खाना चाहिए। ऑक्सीजन को सही तरीके से रक्त में ले जाना चाहिए और प्रोटीन इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रोटीन स्वस्थ चयापचय को बढ़ावा देता है :- Promotes Healthy Metabolism

          इंसुलिन एक प्रोटीन है | इसी तरह, मानव शरीर में कई होर्मोन और एंजाइम होते हैं जो और कुछ नही प्रोटीन हैं | प्रोटीन स्वस्थ चयापचन को बढ़ता हैं | प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने से चयापचन को चालू रखने में मदद मिलती है | खेल में सक्रिय रूप से शामिल होने वाले बच्चों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन खाना चाहिए |

प्रोटीन शरीर को शक्ति प्रदान है :- Protein Provides Energy

          बच्चों में दस प्रतिशत ऊर्जा प्रोटीन से भरपूर आहार खाने से आती है। यदि आपका बच्चा क्रिकेट या फुटबॉल खेलना पसंद करता है, तो उसे बताएं कि उसे प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों की आवश्यकता है । उसे ये बताएं कि जंक फूड खाने के बजाय, वह स्वस्थ्य्पूर्ण  भरपूर प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, खनिज आदि से भरपूर अच्छा भोजन खाये |  बच्चे के शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है और प्रोटीन अच्छी मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है। जब खाने में कार्बोहाइड्रेट मौजूद नहीं होते हैं, तो यह प्रोटीन होता है जो बच्चों के शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

प्रोटीन के स्रोत :- Sources of Protein

          प्रोटीन के कई स्रोत हैं जैसे कि डेयरी खाद्य पदार्थ, अंडे, मीट, ब्रोकोली, आदि। आप अपने बच्चे के लिए दाल सूप बना सकते हैं और उनके  आहार में बीन्स और चावल शामिल कर सकते हैं। अपने बच्चे को सूरजमुखी और कद्दू के बीज दें और उसे नास्ते में बादाम दे । उबले हुए अंडे नाश्ते के लिए भी दिए जा सकते हैं। मूंगफली का मक्खन (Peanut butter) और सोया भी प्रोटीन का अद्भुत स्रोत हैं। मूंगफली का मक्खन (Peanut butter) कई दुकानों में आसानी से उपलब्ध है। आप इसे रोटी पर स्प्रेड करके बच्चों को दे सकते हैं । किन किन खाद्य पदार्थो में से प्रोटीनप्राप्तहोताहै वह ये हैं – सीफूड, चिकन, कम वसा वाला दूध, पनीर, अंडा, बिन्स, बादाम, काजू,ओट्स,ब्रोकोली,मूंगफली,सोयाबीन,राजमा,चना,नारियल,गाजर,केला इत्यादि |

प्रोटीन कि कमी से होने वाली बीमारी और रोग :-  Protein deficiency disease

          प्रोटीन कि कमी से फैटी लीवर या लीवर की कोशिकओं में फैट जमा हो सकता है | पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न लेने से आपकी हड्डिया कमजोर हो सकती है, जिससे फ्रेक्चर का खतरा बढ़ जाता है | प्रोटीन कि कमी से बच्चों कि लंबाई धीरे धीरे बढ़ती है | प्रोटीन मांसपेशियों के साथ साथ हड्डियों और शरीर के विकास के लिए भी बेहद उपयोगी है | प्रोटीन की कमी की वजह से आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है | रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से संक्रमण का खतरा बढ जाता है और गिर जाने से जो घाव हो जाता है, वह जल्दी नही भरता |

          छोटे बच्चों के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी है | यदि बच्चो के शरीर में प्रोटीन की कमी हो तो उनका शरीर ठीक ढंग से काम नहीं करता | पोषक तत्व की कमी प्रोटीन की कमी का एक मुख्य कारण है | यह उन बच्चो में होता है , जो पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन,कैलोरी ,कार्बोहाइड्रेट और अन्य पोषक तत्व नहीं खाते है | इसके आलावा पोषक तत्वों के बारे में कम जानकारी भी प्रोटीन की कमी का कारण बनता है | प्रोटीन की कमी की वजह से स्वास्थ्य से संबंधित कई परेशानियां हो सकती है क्योकि प्रोटीन की कमी से आपके शरीर में परिवतर्न होता है | प्रोटीन की कमी की वजह से सूजन, वजन कम होना, घाव को ठीक होने में अधिक वक्त लगना, सिर दर्द और नींद न आना आदि परेशानियां हो सकती है | दूध, दही,पनीर,बिन्स और बिज प्रोटीन के सबसे अच्छे स्तोत्र मने जाते है |

          प्रोटीन की कमी को दूर करने के लिए सबसे बहेतर इलाज है स्वस्य और पोष्टिक आहार के रूप में अधिक से अधिक प्रोटीन और कैलोरी खाएं साथ में प्रोटीन युक्त तरल पदार्थ का भी आप सेवन कर सकते है | प्रोटीन की कमी आपके शरीर में तब होती है, जब आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नही मिल पता है | प्रोटीन बच्चो की मांसपेशियों और होर्मोस के लिए बेहद आवश्यक होता है |  शरीर की विभिन्न गतिविधियों के लिए आपकी बॉडी प्रोटीन का इस्तेमाल रोजाना करती है | शरीर के हर हिस्से को संतुलित बनाए रखने में प्रोटीन का इस्तेमाल होता है | त्वचा,बाल,पाचनक्रिया और रोग प्रतिरोधक क्षमता सब के लिए प्रोटीन आवश्यक होता है | प्रोटीन एक से दूसरे रूप में परिवर्तित होता है | आपको पता होना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान और छोटे बच्चों के लिए प्रोटीन की बहुत अधिक आवश्यकता होती है | कमजोर नवजात शिशु अच्छे से स्तनपान नही कर पते है | अच्छे से स्तनपान न कर पाने की वजह से शिशु को चम्मच से दूध पिलाया जाता है | कमजोर शिशु को माँ के दूध की आवश्यकता समान्य शिशु की तुलना में अधिक होती है | अधिकतर समय में कमजोर शिशु पर्याप्त रूप में स्तनपान नही कर पाते हैं , जिसकी वजह से प्रोटीन की कमी का खतरा अधिक रहता है |

प्रोटीन की कमी के लक्षण :- Symptoms of protein deficiency

  • पेट बढना
  • थकन और चिडचिडापन |
  • सूजन और त्वचा का फूलना |
  • टुटा नाख़ून या खराब नाख़ून |
  • त्वचा में सूजन और लाल चकत्ते पड़ जाना |
  • बच्चों की लंबाई बढने में परेशानी या लंबाई न बढ़ना |
  • बालों का रुखा या कमजोर होना,बाल आसानी से टूटे जाते है और वो अपना रंग खो देते है |
  • बच्चे बार बार किसी संक्रमण की चपेट में आ जाते है और अधिक समय तक संक्रमण की चपेट में रहेते है |
  • प्रोटीन की कमी से मांसपेशिया कमजोर पड़ जाती है | जब आहार के माध्यम से बच्चों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नही मिलता है, तब शरीर महत्वपूर्ण टिश्यू और शरीर को ठीक ढंग से चलने के लिए हड्डियों से प्रोटीन प्राप्त करता है | हड्डियों से प्रोटीन प्राप्त करने की वजह से एक समय के बाद मांसपेशियों को नुकसान होता है |

          प्रोटीन मानव शरीर में मांसपेशियों और अंगों सहित सभी टिश्यू का निर्माण और मरम्मत करता है। इसमें उन एंजाइमों को भी शामिल किया गया है जो शरीर के भीतर रासायनिक प्रतिक्रिया और हीमोग्लोबिन बनाते हैं जो रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाते हैं। प्रोटीन के बिना, शरीर ठीक से बढ़ नही सकता , मांसपेशियों में मांस कम बनता है  और प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) में भी गडबडी होती है , प्रोटीन कि कमी से हृदय और श्वसन प्रणाली के साथ अन्य समस्याओं का अनुभव  हम करते है । प्रारंभिक वर्षो  के दौरान और टॉडलर चरण (toddler stage) के दौरान यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जब हम बच्चे के विकास के लिए सोचते है तो हमे सही मात्रा में प्रोटीन युक्त भोजन के लिए भी सोचना पड़ेगा | प्राप्त करना । हालांकि, प्रोटीन की खपत के साथ ज्यादा प्रोटीन लेना भी नुकसान दायक हो सकता है । फूड एंड न्यूट्रिशन रिसर्च अध्ययन में पाया गया कि बहुत अधिक प्रोटीन – विशेष रूप से पहले दो वर्षों में लेने से – बाद वर्षो में अधिक वजन (overweight) होने का खतरा बच्चों में बढ़ जाता है। इस तरह से बच्चों को उम्र के हिसाब से प्रोटीन कि मात्रा देने से वह तंदुरस्त रहते हैं और अपनी दिनचर्या सुचारू रूप से करते हैं |

          प्रोटीन बच्चों के शरीर के लिए आवश्यक और एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। आप अपने बच्चों को पोषक तत्व का महत्व सिखाएं। बच्चों को उनके स्वास्थ्य की  हानि हो ऐसा भोजन  नही खाना चाहिए। माता पिता को ऐसा आग्रह रखना चाहिए बच्चे सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों को खाना सीखे जो उन के स्वस्थ्य को अच्छा रखे । बच्चों के लिए माता-पिता भी अच्छे रोल मॉडल बन सकते है । परिवार के खाने की मेज पर सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल करें। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा हमेशा तंदुरस्त बना रहें।

Comments

  • kavita Patel
    January 6, 2020

    Very nice..😊

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  • Rushali
    January 10, 2020

    Very nice Information!!

    Reply
  • Jyotsana Raval
    June 20, 2020

    Nice

    Reply

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